जब दिल्ली में चांदी की कीमत 12 अक्टूबर 2025 को फिर से ₹187 प्रति ग्राम पर पड़ी, तो यह खबर निवेशकों के बीच जल्दी‑जल्दी फेंकी गई। यही दर मुंबई और चेन्नई में भी रिपोर्ट की गई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि बड़े‑शहरों में कीमत में अब बहुत कम फर्क है। इस स्थिरता के पीछे अक्टूबर के शुरुआती हफ्तों में लगातार बढ़ती कीमतों का असर था, पर अब बाजार थोड़ा सांस ले रहा है।
पृष्ठभूमि: अक्टूबर 2025 में चांदी के उतार‑चढ़ाव
अक्टूबर 2025 की शुरुआत में चांदी की कीमतें धीरे‑धीरे बढ़ रही थीं। BankBazaar के आंकड़ों के अनुसार, 3 अक्टूबर को कीमत ₹161/ग्राम थी, जो 9 अक्टूबर तक ₹171/ग्राम तक पहुँच गई, फिर 10 अक्टूबर को अचानक ₹180/ग्राम पर पहुंची और 12 अक्टूबर को ₹187/ग्राम पर स्थिर रही। इससे पहले 1 अक्टूबर को दिल्ली में कीमत ₹1,51,000 प्रति किलो रहे, जबकि 11 अक्टूबर तक यह ₹1,80,000 प्रति किलो हो गई – लगभग 19.21% की छलांग।
वर्तमान दर: प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म क्या रिपोर्ट कर रहे हैं?
Moneycontrol ने 12 अक्टूबर को दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में ₹187/ग्राम (₹1,870/10 ग्राम) बताया। इसी डेटा को BankBazaar ने भी पुष्टि की, साथ ही बताया कि कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ ( "Price Change: ₹0" )।
हालाँकि, GoodReturns ने थोड़ा अलग आंकड़ा दिया – दिल्ली में ₹180/ग्राम (₹1,80,000 / किलो) बताया, जबकि Possible11 ने ₹183.10/ग्राम (₹1,83,100 / किलो) रिपोर्ट किया। यह अंतर मुख्यतः डेटा संग्रह के समय और स्रोतों के अलग‑अलग नियमों से आया दिखता है।
स्रोतों की तुलना: क्यों है असमानता?
- Moneycontrol और BankBazaar अक्सर कई एक्सचेंजों के औसत मूल्य ले कर प्रकाशित करते हैं, जिससे उनका डेटा अधिक स्थिर रहता है।
- GoodReturns स्थानीय जौहरी दुकानों और सीमा‑व्यापार के लेन‑देन को अधिक महत्व देता है, इसलिए किंमत में थोड़ी गिरावट दिखती है।
- Possible11 ने हालिया ट्रेडिंग वॉल्यूम को शामिल किया, जिससे थोड़ा ऊँचा मूल्य आया।
इन मतभेदों को समझना जरूरी है, क्योंकि निवेशक उस प्लेटफ़ॉर्म पर भरोसा कर सकते हैं जिससे उन्हें सबसे तेज़ अपडेट मिलता है।

मूल्य निर्धारण के प्रमुख कारक
कई आर्थिक संकेतक चांदी की कीमत को प्रभावित करते हैं। Moneycontrol ने बताया कि "वैश्विक बाजार में उतार‑चढ़ाव, मांग‑आपूर्ति का असंतुलन, और रूढ़ी‑डॉलर के अनुपात में बदलाव कीमत को आगे‑पीछे ले जाता है"। वहीं BankBazaar ने कहा कि "रुपया‑डॉलर दर में गिरावट होने पर चांदी की कीमत बढ़ती है, और डॉलर मजबूत होने पर कीमत घटती है"।
इसके अलावा, Multi Commodity Exchange (MCX) और National Commodities and Derivatives Exchange (NCDEX) पर फ्यूचर ट्रेडिंग भी कीमत को तेज़ी से परावर्तित करती है। इन एक्सचेंजों में फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की तिथि‑समय सीमा और खुली पोज़िशन की मात्रा कीमत को दैनिक आधार पर बदलती रहती है।
निवेशकों के लिए क्या मतलब है?
स्थिरता का मतलब यह नहीं कि कीमतें हमेशा समान रहेंगी। 12 अक्टूबर की यह समानता केवल एक क्षणिक संतुलन है। विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि रुपये की गिरावट जारी रहे या वैश्विक सिल्वर प्राइस में तेज़ उछाल हो, तो इस स्तर से ऊपर जाना सामान्य होगा।
सही निवेश विकल्प चुनने के लिए दो बातों पर ध्यान दें:
- भौतिक धातु बनाम इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग – भौतिक सिका, बार या सिक्के अक्सर दीर्घकालिक सुरक्षा देते हैं, क्योंकि उनका पुनर्विक्रय मूल्य अधिक स्थिर रहता है।
- वॉल्यूम और लिक्विडिटी – MCX जैसे एक्सचेंज में फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट का वॉल्यूम बढ़े तभी कीमत में अधिक अस्थिरता आएगी, जिससे अल्पकालिक लाभ के अवसर मिल सकते हैं।
उदाहरण के लिये, रजत शर्मा, एक अनुभवी बाजार विश्लेषक, ने कहा: "अगर आप दीर्घकालिक रख‑रखाव चाहते हैं तो 10 ग्राम का बार खरीदना बेहतर है; त्वरित मुनाफे के लिए फ्यूचर में लॉंग पोज़िशन लेना उचित हो सकता है।"

भविष्य की दृष्टि: क्या कीमतें फिर से उछलेंगी?
आगामी हफ्तों में दो मुख्य राहें संभावित हैं:
- वैश्विक जोखिम बढ़ना – अगर यू.एस. फ़ेडरल रिज़र्व ब्याज दरें घटाता है, तो डॉलर कमजोर होगा और चांदी की कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं।
- स्थानीय माँग में गिरावट – यदि भारतीय निवेशकों का स्वर्ण‑सिल्वर से हटकर अन्य एसेट क्लासेज़ में झुकाव बढ़े, तो कीमतें साइडवे या नीचे भी जा सकती हैं।
कुल मिलाकर, विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि चांदी अभी भी भारत में एक भरोसेमंद निवेश विकल्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो दीर्घकालिक मूल्य संरक्षण चाहते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
दिल्ली में चांदी की कीमत में स्थिरता का कारण क्या है?
स्थिरता मुख्यतः पिछले दिनों में तेज़ी से बढ़ी कीमतों के बाद साधारण सप्लाई‑डिमांड संतुलन के कारण है। Moneycontrol और BankBazaar के डेटा दर्शाते हैं कि बाजार की अपेक्षा अब स्थिर हो गई है, हालांकि वैश्विक डॉलर‑रुपया दर में बदलाव फिर से उतार‑चढ़ाव ला सकता है।
क्या GoodReturns का कम मूल्य भरोसेमंद है?
GoodReturns अक्सर स्थानीय जौहरी दुकानों के टाइम‑लाइन डेटा को दर्शाता है, जो बड़े एक्सचेंज डेटा से थोड़ा अलग हो सकता है। इसलिए इसे एक अतिरिक्त संकेतक मानना ठीक रहेगा, लेकिन प्रमुख निवेश निर्णय के लिए Moneycontrol या BankBazaar जैसे राष्ट्रीय स्तर के स्रोत अधिक विश्वसनीय हैं।
भौतिक चांदी और फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट में से कौन सा बेहतर है?
दीर्घकालिक सुरक्षा और पुनर्विक्रय की आसान प्रक्रिया के लिए भौतिक बार या सिक्के बेहतर हैं। यदि आप अल्पकालिक कीमतों में उतार‑चढ़ाव से लाभ उठाना चाहते हैं, तो MCX या NCDEX पर फ्यूचर ट्रेडिंग उपयुक्त हो सकता है, पर जोखिम अधिक रहता है।
रुपिया‑डॉलर दर चांदी की कीमत को कैसे प्रभावित करती है?
डॉलर जब कमजोर होता है, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सिल्वर की कीमत बढ़ती है, क्योंकि मौद्रिक इकाई में कीमतें अधिक होती हैं। इससे भारतीय बाजार में कीमतें भी ऊपर जाती हैं। उलटा, डॉलर मजबूत होने पर कीमतें नीचे दबाव में आती हैं।