2022 से 2025 तक, CIDCO ने नवी मुंबई के आसपास फैली डिब्रिज माफिया के खिलाफ एक ऐसी कार्रवाई शुरू की, जिसने न सिर्फ अवैध निर्माण अपशिष्ट के डंपिंग को रोका, बल्कि भूमि चोरी के खिलाफ भी एक नया मानक तैयार कर दिया। इस चार साल की ऑपरेशन में 247 लोग गिरफ्तार हुए, 233 ट्रक और डंपर, और चार भारी मशीनें—JCB, पोक्लेन, डोजर—जब्त की गईं। ये सब कुछ उन जगहों पर हुआ, जहाँ नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का निर्माण चल रहा है। यह सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक जमीनी जंग है—जहाँ राज्य की जमीन को बचाने के लिए बुनियादी ढांचे को बचाया जा रहा है।
कैसे चला ये अभियान?
ये अभियान किसी एक रेड रूम से शुरू नहीं हुआ। इसकी शुरुआत सुरेश मेंदे, CIDCO के मुख्य निगरानी अधिकारी, ने अपने टीम के साथ जमीन पर की। हर हफ्ते, इंजीनियर, नियंत्रक, निगरानी अधिकारी और सुरक्षा कर्मचारियों की एक विशेष टीम नवी मुंबई, पनवेल, उल्वे और ड्रोनागिरी के क्षेत्रों में घुसती। उन्होंने कैमरों, ड्रोन और भूमि नक्शों का इस्तेमाल किया। जहाँ भी अवैध खनन या डंपिंग का संदेह था, वहाँ घुसकर वाहन जब्त कर दिए गए। एक बार 2023 में, एक ऐसा मामला सामने आया, जहाँ CIDCO की जमीन से 1.30 करोड़ रुपये की प्राकृतिक मिट्टी चोरी की गई। इसके बाद तो अभियान और तेज हो गया।
क्यों ये सब हुआ?
यहाँ का राज ये है कि मुंबई और उसके आसपास के क्षेत्रों में बड़े प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं—हवाई अड्डा, मेट्रो, हाईवे। इनके लिए निर्माण अपशिष्ट बहुत ज्यादा बन रहा है। लेकिन अधिकांश निर्माता इसे अपनी लागत में नहीं डालना चाहते। इसलिए वे इसे CIDCO की जमीन पर डाल देते हैं। कुछ तो बस इतना ही नहीं, बल्कि जमीन से मिट्टी निकालकर बेच देते हैं। ये एक अवैध बिजनेस है—जिसमें ट्रक चालक, निर्माता, और कभी-कभी स्थानीय अधिकारी शामिल होते हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट की आलोचना और सुप्रीम कोर्ट का आदेश
इस अभियान का पृष्ठभूमि में एक बड़ा राजनीतिक तनाव था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को सीधे निशाना बनाया, कहा कि नवी मुंबई में अवैध इमारतों का फैलाव ‘गंभीर और प्रणालीगत विफलता’ है। नवी मुंबई नगर निगम (NMMC) ने 2,100 अवैध इमारतों की सूची बनाई, जिसमें निर्माताओं और अधिकारियों के बीच गठबंधन का संकेत मिला। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया—अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करो। तभी CIDCO ने अपना अभियान तेज कर दिया।
1,804 इमारतें गिराईं, 60 एकड़ जमीन वापस पाई
डिब्रिज माफिया के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही, CIDCO ने अवैध निर्माण के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की। जनवरी से सितंबर 2025 तक, CIDCO ने 1,804 अवैध इमारतें गिराईं। इससे लगभग 2,39,701 वर्ग मीटर (60 एकड़) जमीन वापस आई, जिसकी कीमत 3,000 करोड़ रुपये से अधिक है। ये जमीन अब शहरी योजना के लिए उपलब्ध है—स्कूल, पार्क, सड़क, या फिर अपने ही विकास प्रोजेक्ट्स के लिए।
अगला कदम क्या है?
सुरेश मेंदे ने स्पष्ट किया: ‘इस अभियान का अंत नहीं होगा।’ CIDCO ने अब 407 अवैध इमारतों की पहचान की है, 377 को सुनवाई के लिए नोटिस भेजे हैं, और 308 ने अपनी बात रख दी है। अब ये नोटिस 1,930 लोगों को भेजे गए हैं—मालिक और किरायेदार दोनों। अगले छह महीनों में, ये अभियान और भी तेज होगा। नवी मुंबई की योजनाबद्ध विकास रूपरेखा को बचाने के लिए, कोई भी अवैध निर्माण अब नहीं बचेगा।
आम आदमी कैसे मदद कर सकता है?
ये सिर्फ सरकारी अधिकारियों का काम नहीं। आम नागरिक भी इस लड़ाई में शामिल हो सकते हैं। CIDCO ने एक ऑनलाइन पोर्टल www.cidco.maharashtra.gov.in बनाया है, जहाँ आप अवैध डंपिंग या खनन की जानकारी भेज सकते हैं। या फिर, नजदीकी पुलिस स्टेशन पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। एक फोटो, एक वीडियो, एक स्थान का नाम—ये सब काफी है। अगर कोई देखे कि कोई ट्रक रात में जमीन पर मिट्टी डाल रहा है, तो उसे रोकना नहीं, बल्कि रिपोर्ट करना जरूरी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डिब्रिज माफिया क्या है और ये कैसे काम करता है?
डिब्रिज माफिया वो गैंग है जो निर्माण से निकले अपशिष्ट को अवैध रूप से सरकारी जमीन पर डालता है, या फिर जमीन से मिट्टी निकालकर बेचता है। इनके पास ट्रक, डंपर और मशीनें होती हैं, और अक्सर ये स्थानीय अधिकारियों के साथ गठबंधन करते हैं। एक बार 2023 में, नवी मुंबई में ऐसा हुआ था कि 1.30 करोड़ रुपये की मिट्टी चोरी हुई।
CIDCO ने कितनी जमीन वापस पाई है और वो कहाँ है?
जनवरी से सितंबर 2025 तक, CIDCO ने 1,804 अवैध इमारतें गिराकर 2,39,701 वर्ग मीटर (लगभग 60 एकड़) जमीन वापस पाई। ये जमीन नवी मुंबई, पनवेल, उल्वे और ड्रोनागिरी में फैली हुई है। इस जमीन का मूल्य 3,000 करोड़ रुपये से अधिक है, और अब इसे शहरी विकास के लिए उपयोग किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश का इस अभियान से क्या संबंध है?
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को अवैध निर्माण के खिलाफ निष्क्रिय रहने के लिए आलोचित किया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। CIDCO ने इन आदेशों को निष्पादित करने के लिए अपना अभियान तेज किया। ये सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि न्यायिक दबाव का परिणाम है।
सुरेश मेंदे की भूमिका क्या रही है?
सुरेश मेंदे CIDCO के मुख्य निगरानी अधिकारी हैं, जिन्होंने इस अभियान की शुरुआत और निर्देशन किया। पहले वो निगरानी विभाग के संचालक थे, और अब निर्माण नियंत्रण विभाग के प्रमुख हैं। उनके नेतृत्व में, CIDCO ने 300 से अधिक अवैध इमारतें गिराईं और 2 लाख वर्ग मीटर जमीन वापस पाई। उनकी लगातार उपस्थिति और निर्णय लेने की ताकत ने इस अभियान को सफल बनाया।
अगले कुछ महीनों में क्या उम्मीद करनी चाहिए?
CIDCO ने घोषणा की है कि अवैध निर्माण और डिब्रिज डंपिंग के खिलाफ अभियान और भी तेज होगा। अब ड्रोन, AI-आधारित नक्शे और नागरिक रिपोर्ट्स का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा। अगले छह महीनों में 500 से अधिक नए मामले दर्ज हो सकते हैं, और जमीन वापसी का दायरा और फैलेगा।
क्या ये कार्रवाई नवी मुंबई के विकास को बाधित करती है?
नहीं, बल्कि ये विकास को सुदृढ़ करती है। अवैध निर्माण और जमीन चोरी के कारण शहर की योजनाबद्ध विकास रूपरेखा बिगड़ रही थी। इस अभियान से वही जमीन वापस आ रही है, जिस पर स्कूल, अस्पताल, सड़क और हवाई अड्डा के लिए नियोजन किया गया था। अब विकास नियमों के अनुसार होगा—स्थायी और सुदृढ़।